आज, दिनांक 18/10/2024 को, मंदिर की पुरानी दीवारों को तोड़ने के दौरान बड़ी मात्रा में लेवा की पुरानी मिट्टी निकली, जो गली में जमा हो गई थी और आगे के निर्माण कार्य में अवरोध उत्पन्न कर रही थी। परसों रात किसी ने मंदिर से निकले हुए ईंटों को गली में बिखेर दिया था, इसलिए मुझे यह चिंता थी कि यदि इस मिट्टी को भी इसी तरह बिखेर दिया गया, तो मजदूरों का समय इसे समेटने में व्यर्थ हो जाएगा।
यह मिट्टी गली का लगभग आधा हिस्सा भर चुकी थी, जिससे आवागमन में बाधा आ रही थी। इसलिए, मैंने निर्णय लिया कि इस मिट्टी को बेच दिया जाए, क्योंकि इसमें ईंट के छोटे-छोटे टुकड़े मिले हुए थे, जो इसे खेतों में उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं बनाते थे। मैंने इसे मौजूदा बाजार दर के अनुसार बेचने का फैसला किया और आज सुबह इसे 400 रुपये में बेच दिया।
मौजूदा दर के हिसाब से कुल 700 रुपये की प्राप्ति होनी थी, लेकिन खरीदार ने अपना ट्रैक्टर खुद लाया था, जिससे ट्रैक्टर और ईंधन के 300 रुपये की छूट देने के बाद, कुल 400 रुपये प्राप्त हुए।
मैं अन्य ग्रामीणों को सूचित करना चाहता हूँ कि यह मिट्टी श्री दाहौर ठाकुरबाड़ी के दीवारों से निकली हुई है, जिसका वर्तमान में कोई उपयोग नहीं था। यदि भविष्य में इसकी आवश्यकता होती है, तो इस राशि का उपयोग मिट्टी पुनः खरीदने के लिए किया जा सकता है।